जयपुर डायलॉग्स का दूसरा दिनवैश्विक स्तर पर चल रहा है भारत को पीछे धकेलने का षड्यंत्र

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परिष्कार पत्रिका जयपुर। खालिस्तान और इस्लाम की बात पश्चिमी देशों में की जाती है। बहुसंख्यक समाज इस बात से अनभिज्ञ हैं लेकिन हमें अपने शत्रु को पहचानने की जरूरत है।
तीन दिवसीय जयपुर डायलॉग्स के 9वें वार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को देश विदेश से आए विचारकों, राष्ट्रवादियों और नामचीन वक्ताओं ने ये विचार रखे। इस्लाम और खालिस्तान विषयक सत्र में सेना की पृष्ठभूमि से जुड़े रमनीक मान ने कहा कि सनातन-सिख एक धर्म है जिसमें विभेद पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। 1984 के सिख दंगे इसका उदाहरण है। कांग्रेस के नेता विदेश में जाकर अलगाववाद को हवा देते हैं। मान ने कहा कि 1947 के बंटवारे ने ही खालिस्तान को जन्म दिया। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अब तक का सर्वाधिक सम्मान सिखों को दिया है। इसी सत्र में नीरज अत्रि, पंकज सक्सेना, देवदत्त मांझी व अविनाश धर्माधिकारी आदि ने मुस्लिम लीग पर देश तोड़ने, देश में भांति भांति के जिहाद चलाकर देश को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए समय रहते शत्रु की पहचान करने पर जोर देते हुए कानून में बदलाव की वकालत की। इस मौके पर हिंदुत्व की हैट्रिक पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
बॉलीवुड, ओटीटी और सोशल मीडिया विषयक दूसरे सत्र में वैचारिक युद्ध के माध्यम से देश की संस्कृति और सभ्यता को नष्ट करने और देश के खिलाफ नैरेटिव बनाकर सनातन और हिंदुत्व को नष्ट करने की चुनौतियों पर विमर्श किया गया। वक्ताओं ने कहा कि हमें राष्ट्रवादी फिल्में बनानी होगी और भ्रमित करने वाले ऑडियो विजुअल्स के खिलाफ काउंटर करना होगा। उन्होंने फिल्म अभिनेत्री एकता कपूर का नाम लेकर कहा कि वह सीरियल के माध्यम से सामाजिक वैल्यू को खत्म करने का प्रयास कर रही हैं। इस सत्र में अभिजीत जोग, अंबर जैदी, अभिषेक तिवारी, पंडित सतीश शर्मा और प्रतीक बोराडे ने खुलकर अपनी बात रखी।
दोपहर बाद मीडिया वर्सेस सोशल मीडिया और गोदी मीडिया विषयक तीसरे सत्र में मीडिया सोशल मीडिया और गोदी मीडिया को लेकर तीखे तेवरों से बात रखी और कहा कि गोदी मीडिया हर समय और सरकार में रहा है। वक्ताओं ने कहा कि अगर भारत मां की गोदी में बैठे हैं और अपनी बात कहते हैं तो हम गोदी मीडिया हैं। गोदी हमेशा रही और जिसकी गोदी भारी रही है वहां उसमें लोग बैठते रहे हैं। मीडिया की प्रतिबद्धता जनता और राष्ट्र के प्रति होनी चाहिए। वक्ताओं ने सभी सत्रों में कार्यक्रम में श्रोताओं के सवालों का बेहतरीन जवाब भी दिए।
दोपहर बाद हिस्ट्री एंड एजुकेशन, डीप स्टेट एंड रेस्ट सत्रों में संक्रांत सानू, आदि आचिंत, सीके राजू, अविनाश धर्माधिकारी निलेश लोक वेदवीर आर्य, संदीप बालकृष्ण, राज वेदम, कंवल सिब्बल, सुशांत सरीन, मेजर जनरल राजीव नारायण, अभिजीत चावड़ा और कर्नल अजय रैना ने अनेक प्रसंग और उदाहरण के माध्यम से अपनी बात रखी और श्रोताओं के सवालों का जवाब दिया। जयपुर डायलॉग्स के चेयरपर्सन संजय दीक्षित ने भी विभिन्न सत्रों में अपनी बात रखी और विभिन्न विषयों पर विचार व्यक्त किये।
द पाकिस्तान प्रॉब्लम सत्र में कर्नल अजय रैना, तिलक देवासर, सुशांत सरीन ने भारत पाक संबंधों और पाकिस्तान के दोहरे चरित्र पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि 1947 से पाकिस्तान से राष्ट्र के रूप में व्यवहार किया जा रहा हैं, लेकिन वह एंटी नेशन गतिविधियों में लिप्त है। पाकिस्तानी रहने वाले लोग भारत आ रहे हैं, लेकिन भारतीय या किसी दूसरे देश के लोग वहां नहीं बस रहे हैं। तिलक देवासर ने कहा कि भारत के देवबंद में पढ़ाई करवा जा रही है, लेकिन पाकिस्तान के देवबंद में ग्रेजुएशन के बाद एके 47 थमा दी जाती है। सुशांत सरीन ने कहा आम मुस्लिम को इस्लाम की बहुत कम जानकारी है। ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए मुल्ला मौलवी जो वीडियो भेज देते हैं, उसे ही सच मानकर ये फॉलो कर लेते हैं।

भारत तेरे टुकड़े होंगे सत्र में कर्नल आरएसएन सिंह, बाबा रामदास, अभिजीत चावड़ा ने भारत में चल रही रणनीतिक, सामरिक, राजनीतिक, वैचारिक और संस्कृत गतिविधियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म पर न केवल मुस्लिम, बल्कि पश्चिम के देश (इसाई) भी आक्रमण कर रहे हैं। यह शैक्षिक और सांस्कृतिक आक्रमण धर्मांतरण के रूप में हमें देखने को मिल रहा है।
फिल्मों फैशन और खाने पीने की चीजों तक में इस्लाम और पश्चिम तक का दखल बढ़ता जा रहा है। यह खतरनाक है और देश को खंड खंड करने की साजिश है।

सनातन धर्म और गौतम बुद्ध सत्र में चर्चा करते हुए लेखक अजय छूँगरू और एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हिंदू मंदिरों में सरकार के दखल पर चिंता जाहिर की।
अजय छूँगरू ने कहा कि मंदिरों की भूमि को वक्फ में कन्वर्ट किया जा रहा है। वफ़्क़ बोर्ड के कर्मचारी राजकीय कर्मचारी कहलाते हैं। उन्हें कई विशेषाधिकार दिए गए हैं। एड. विष्णु शंकर जैन ने कहा दूसरे देशों में अल्पसंख्यक समान नागरिक अधिकार मानते हैं, जबकि भारत में बहुसंख्यक सिर्फ न्याय मांग रहे हैं। देश में तीर्थ यात्रा के लिए सब्सिडी नहीं दी जा रही है, लेकिन हज के लिए सब्सिडी दी जा रही है। हालत यह है कि बहुसंख्यक वर्ग मंदिर वापस मांग रहा है। उन्होंने कलाम की ताकत को तलवार से अधिक बताते हुए आह्वान किया कि सभी को अपनी अपनी भूमिका निभाते हुए सनातन के लिए संघर्ष करना चाहिए।

मदरसा एजुकेशन सत्र में राष्ट्रीय बाल संरक्षण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मदरसा बोर्ड को भंग किया जाना चाहिए। सबसे ज्यादा बुनियादी शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने मदरसों की तालिम पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार के एक मदरसे में बम बनाना सिखाए जाने के दौरान हुए विस्फोट से मौलवी की मौत हो गई, जबकि कई बच्चे घायल हो गए मुजफ्फरनगर में लापता बच्चे का मदरसे में लाकर खतना कर दिया गया। आधार जांच में वह बच्चा पंजाब के हिंदू परिवार का निकला। प्रयागराज के एक मदरसे में नोट छापने की मशीन मिली। मदरसे के हालात इतने बदहाल हैं कि, जहां देशभर के सवा सौ करोड़ बच्चे वहां दीनी तालीम हासिल कर रहे हैं, वहीं उच्च शिक्षा में इनकी भागीदारी महज 5% ही है। उन्होंने आह्वान किया कि विकसित भारत की परिकल्पना तभी साकार होगी जब देश का हर बच्चा स्कूल जाएगा।

द खालिस्तान प्रॉब्लम सत्र में कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों पर चर्चा की गई। रमनीक मान ने कहा भारत में टैलेंट, टेक्नोलॉजी, इकॉनमी, किसी की कमी नहीं है। बस, प्रतिभाओं को विदेश।नहीं जाने दें। खालिस्तान मामले में सिखों को इंगित किए जाने पर कहा, सिख समाज सनातन की तलवार है। इसे अलग करने की कल्पना भी अंग भंग करने जैसा है। कंवल सिब्बल ने कहा एनडीए के हाल आए रिजल्ट में सिख बच्चे ने टॉप किया है। सिख रेजीमेंट ने कई बार कमाल दिखाया है। वैभव सिंह ने कहा जब हमारी जीडीपी दुनिया में 40 प्रतिशत थी और देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था, तब भी इसे अंग्रेजों की गुलामी से बचाना मुश्किल हो गया था। तीसरी और पांचवी इकोनॉमिक की बात कहना बेमानी होगी, बल्कि सामरिक शक्ति बढ़ाने होगी। प्रतिकृति पायने ने कहा यूक्रेन रूस युद्ध में भारत के न्यूट्रल रहने से दुनिया के सामने व्यापार का रास्ता खुला रहा।

जयपुर डायलॉग के स्पॉन्सर निस्वार्थ कदम, को-स्पॉन्सर ब्ल्यू इंक, धर्मांश फाउंडेशन, जीएलए तथा पार्टनर ओएनजीसी, डाटा इंफोसिस, मनीष कलारिया, गरुड़, इंडस यूनिवर्सिटी हैं।

रविवार को अंतिम दिन इन विषयों पर होगी चर्चा दी जयपुर डायलॉग के प्रेसिडेंट सुनील कोठारी, निदेशक विष्णु बिहानी, पंकज जोशी और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर प्रकाश टेकवानी ने बताया कि रविवार को अंतिम दिन आत्मनिर्भर भारत की चुनौतियां, जिओ पॉलिटिक्स, गैस्ट्रेटजी, 2029 की राजनीति, मल्टी डोमेन थ्रेट, हिंदुत्व बनाम इस्लाम आदि विषयों पर कर्नल अजय रैना, मेजर जनरल राजीव नारायण, नसीर अहमद शेख,संक्रांत सानू, विभूति झा सहित अनेक वक्ता, लेखक, चिंतक अपने विचार व्यक्त करेंगे।

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