परिष्कार पत्रिका जयपुर। वर्तमान गलाकाट प्रतिस्पर्धा के दौर में खेल शारीरिक और मानसिक विकास के लिए तो आवश्यक हैं ही, इनमें करियर की भी अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में अभिभावकों को खेलों का महत्व भी समझना चाहिए। बच्चों को किसी न किसी खेल से जोड़ना उनकी एकाग्रता को भी बढ़ाता है। यह बात आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष एवं साहित्यकार डॉ. आर डी सैनी ने बुधवार को बगड़ में स्पोर्ट्स जोन एकेडमी में आयोजित कार्यक्रम में कही। पिलानी के मूल निवासी डॉ आर डी सैनी अपने दो दिवसीय दौरे पर झुंझुनू आए थे। इस दौरान उन्होंने बगड़ क्षेत्र के युवाओं से संवाद करते हुए उन्हें प्रेरित किया। गौरतलब है कि डॉ सैनी के पशु प्रेम पर आधारित उपन्यास ‘प्रिय ओलिव’ को हाल ही में साहित्य के सर्वोच्च ‘मीरा पुरस्कार’ से नवाजा गया था। एकेडमी के डायरेक्टर राकेश सैनी ने बताया कि डॉ आर डी सैनी खुद भी युवावस्था में एथलेटिक्स से जुड़े रहे। उन्होंने बगड़ में खेलों के प्रति उत्साह के माहौल पर संतोष व्यक्त किया। इस दौरान राष्ट्रीय कोच उमेद सिंह शेखावत कहा कि खेल हमारे दैनिक दिनचर्या में बहुत जरूरी है खेल के बिना जीवन अधूरा है खेल नहीं तो कुछ नहीं अपने बच्चो को मोबाइल से दूर रखे , एक मोबाइल बच्चो की गेंद खगाया , इस दौरान वॉलीबॉल कोच रजनीकांत शर्मा एकेडमी के अकाउंटेंट पूनम कुमारी अनिल बागोरिया पंकज बिजारणिया नरपत सिंह राठौड़ सौरभ सैनी आजाद सैनी मौजूद रहे।