परिष्कार पत्रिका जयपुर। बीएसएन कॉलेज सांगानेर जयपुर ने राम जन्म भूमि अयोध्या में डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में मर्यादा पुरुषोत्तम राम एक वैश्विक आदर्श पर 15-16 जुलाई को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में सावित्रीबाई फुले शोध संस्थान जयपुर, स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय रुपनगढ़ तथा बी एन के वी महाविद्यालय अंबेडकर नगर की भी सहभागिता रही। सेमिनार की उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर प्रतिभा गोयल ने की तथा विशिष्ट अतिथि विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राम जन्म भूमि के सचिव चंपत राय तथा मुख्य वक्ता के रूप में सिद्धपीठ हनुमंत निवास के महंत मिथलेश नंदिनी शरण महाराज और अयोध्या के महापौर गिरीश शरण त्रिपाठी आदि विभूतियों ने अपने उद्बोधन द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के विराट चरित्र व उनके आदर्शों पर प्रकाश डाला।
इस सेमिनार में देश विदेश के लगभग 200 प्रतिभागियों रिसर्च स्कॉलर शिक्षाविदों ने अपने व्याख्यान तथा पेपर प्रस्तुत कर भगवान राम विभिन्न स्वरुपों व गुणों पर अपने विचार प्रकट किए। राम मंदिर के सचिव चंपत राय ने कहा कि राम दुनिया भर में सुख, शांति व समृद्धि के लिए आदर्श हैं। मुख्य वक्ता महंत मिथलेश नंदिनी शरण ने कहा कि विश्व मैत्री में राम के संबंधों का उपयोग अन्य देश करते हैंए उन्होंने कहा कि हर दिन पाना व किसी विशिष्ट के समक्ष खड़े होकर दर्पण में स्वयं को देख पाना ही आदर्श है। इस दो दिवसीय आयोजन को सफल बनाने में सेमिनार के संयोजक प्रो डॉ कमल सैनी, प्रो डॉ सुचिता पांडे, छवि सैनी व उनकी समस्त टीम की तपस्या व त्याग की अहम भूमिका रही। इस सेमिनार में डॉ बी एल देवन्दा निदेशक स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय, प्रोफेसर सीताराम, प्रो खेमचंद, प्रो विनोद बिहारी शर्मा, प्रो सत्यनारायण शर्मा, प्रो सरोज प्रो वंदना, डा आंचल, प्रो सुधीर जैन एवं राजस्थान से आए हुए अनेक विभूतियों ने अपनी अपने संबोधन में राम के द्वारा पुत्र पिता परिवार समाज प्रजा शत्रु तथा विश्व कल्याण के रूप में स्थापित आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए।
बीएसएन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के निदेशक डॉ प्रकाशचंद्र खुलवे ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राम देश के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आदर्श हैं। राम सत्य, न्याय, स्थिरता, संतुलन, शांति, पवित्रता, करुणा के प्रतिक है। उनमें एक महान सभ्यता के निर्माण के लिए सभी गुण मौजूद है। महान पौराणिक कथा रामायण हमारे डीएनए का हिस्सा है। रामचरित हमेशा भावी पीढ़ी को पथ प्रदर्शित करता रहेगा।