वैदिक कन्या पीजी महाविद्यालय, राजा पार्क में,विज्ञान दिवस के उपलक्ष में”कार्बन फुटप्रिंट व क्लाइमेट चेंज” विषय पर एक नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन

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परिष्कार पत्रिका जयपुर । वैदिक कन्या पीजी महाविद्यालय, राजा पार्क में,विज्ञान दिवस के उपलक्ष में”कार्बन फुटप्रिंट व क्लाइमेट चेंज” विषय पर एक नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया इसके उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि जयपुर नगर निगम की मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर रहीं। उन्होंने कहा की कार्बन उत्सर्जन एक वैश्विक समस्या है जिस पर समय रहते कार्य किया जाना जरूरी है उन्होंने कहा कि यदि हम पृथ्वी के पुत्र हैं तो अपनी मां का ख्याल रखना हमारा कर्तव्य है इस अवसर पर समाजसेवी श्री रवि नईयर भी उपस्थित रहे एवं उन्होंने भी कहा की जहां तक हो हमें प्रकृति के समीप रहना चाहिए जिससे कार्बन उत्सर्जन काम हो इस अवसर पर प्राचार्य डॉक्टर लतिका झा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा की कॉलेज की छात्राएं हर गतिविधि में आगे रहती हैं आगे रहती हैं वह महाविद्यालय उनके समग्र विकास में हमेशा तत्पर रहता है। अपने विश्वास दिलाया कि भविष्य में भी भविष्य में भी नगर निगम द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों में हमारी भागीदारी रहेगी ।संस्था सचिव डॉक्टर अनिरुद्ध साहनी ने कहा की वैदिक पद्धति से जीवन जीने से इस प्रकार की समस्याएं सर नहीं उठा पाएंगे पर्यावरण विशेषज्ञ डॉक्टर संजय पलनीट कार ने कहा की जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है क्योंकि आने वाले समय में इसके परिणाम घातक होंगे। वे राजा पार्क के वैदिक कन्या पीजी महाविद्यालय में बुधवार 28 फरवरी को जलवायु परिवर्तन पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे ।अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से विशेषज्ञ विकास ब्रिजकौशली ने फिरोजाबाद के चूड़ी कारखाने की केस स्टडी करके उन्हें ऐसी क्रियाएं विकसित करने का तरीका बताया जिससे ऊष्मा वी कार्बन उत्सर्जन में कमी हो सके उन्होंने कहा की जलवायु परिवर्तन व प्रदूषण का दुनिया भर को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने इसे नियंत्रित करने के लिए तरीके तलाशने पर जोर दिया। नोएडा से आई कार्बन एक्सपर्ट डॉक्टर गरिमा शर्मा ने कहा कि हमें कार्बन डाइऑक्साइड के स्रोत का पता लगाकर उसे पर अंकुश के प्रयास करने होंगे तभी बदलाव संभव है। सेमिनार के प्रथम तकनीकी सत्र में प्रोफेसर टी आई खान ने सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए ओजोन लेयर और कार्बन उत्सर्जन से उत्पन्न पर्यावरणीय खतरों के बारे में बताया और इससे निपटने के सुझावों पर चर्चा की। कॉन्फ्रेंस में एमिटी यूनिवर्सिटी ,सेंट विल्फ्रेड कॉलेज व वैदिक कन्या महाविद्यालय की शोध छात्राओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। कॉन्फ्रेंस में कॉलेज के वनस्पति शास्त्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ लक्ष्मी शर्मा लक्ष्मी माथुर डॉ रूचि माथुर ने भी अपने विचार व्यक्त किया। कॉन्फ्रेंस की कन्वीनर डॉक्टर अर्चना पारीक ने कॉन्फ्रेंस की पूरी जानकारी दी। डॉ नेहा खत्री ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया

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